कैबिनेट मिशन योजना (1946) – Notes in Hindi

आज के इस “कैबिनेट मिशन योजना (1946) Notes in Hindi” पोस्ट मे हम लोग, कैबिनेट मिशन योजना (1946) से संबंधित महत्वपूर्ण GK Facts के बारे मे जानकारी प्राप्त करेंगे ।

कैबिनेट मिशन योजना (1946) GK Facts

  • ब्रिटेन में 26 जुलाई, 1945 को एटली के नेतृत्व में ब्रिटिश मंत्रिमंडल ने सत्ता ग्रहण की। * नौसेना विद्रोह के बाद 19 फरवरी, 1946 को (द्वितीय विश्व युद्ध के बाद) भारत सचिव लॉर्ड पैथिक लॉरेंस ने भारत में संवैधानिक सुधारों के लिए एक शिष्टमंडल भेजने का निर्णय लिया ( कैबिनेट मिशन 24 मार्च, 1946 को दिल्ली आया ) । * इसके अध्यक्ष भारत मंत्री लॉर्ड पैथिक लॉरेंस थे तथा अन्य दो सदस्य स्टैफोर्ड क्रिप्स (अध्यक्ष बोर्ड ऑफ ट्रेड) तथा ए.वी. एलेक्जेंडर (नौसेना मंत्री ) थे।
  • कैबिनेट मिशन ने त्रिस्तरीय शासन व्यवस्था को सुझाया। प्रांतों के छोटे अथवा बड़े गुट बनाने के अधिकार की पुष्टि की तथा प्रांतों को अ, ब और स तीन श्रेणियों में विभक्त किया।
  • 16 मई, 1946 को कैबिनेट मिशन ने अपने प्रस्तावों की घोषणा की, इसके प्रमुख प्रस्ताव थे – (1) भारत की एकता बनाई रखी जाए। (2) मुस्लिम लीग की पाकिस्तान की मांग ठुकरा दी गई। ( 3 ) भारत एक संघ होगा जिसमें ब्रिटिश प्रांत तथा देशी रियासतें शामिल होंगी। (4) संविधान निर्मात्री संस्था या संविधान सभा का गठन प्रांतीय विधानसभाओं तथा देशी रियासतों के प्रतिनिधियों द्वारा किया जाए।
  • कैबिनेट मिशन, 1946 ने वायसराय की एक्जीक्यूटिव काउंसिल का पुनर्गठन कर अंतरिम सरकार के गठन का सुझाव दिया, जिसमें वॉर मेंबर सहित सभी विभाग भारतीय सदस्यों द्वारा धारण किए जाने थे।
  • कैबिनेट मिशन योजना के पक्ष में गांधीजी पूरी तरह से थे। *इस योजना के संदर्भ में गांधीजी ने कहा – ” यह योजना उस समय की परिस्थितियों के परिप्रेक्ष्य में सबसे उत्कृष्ट योजना थी, जिसमें ऐसे बीज थे, जिनसे दुःख की मारी भारत भूमि यातना से मुक्त हो सकती थी । ”
  • मौलाना अबुल कलाम आजाद कैबिनेट मिशन के भारत आगमन के समय भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष थे।
  • कैबिनेट मिशन मार्च, 1946 में भारत पहुंचा। इस मिशन के सदस्य स्टैफोर्ड क्रिप्स (अध्यक्ष बोर्ड ऑफ ट्रेड), पैथिक लॉरेंस (भारत सचिव) और ए.वी. एलेक्जेंडर (नौसेना मंत्री) थे। इसने त्रिस्तरीय शासन व्यवस्था को सुझाया। प्रांतों के छोटे अथवा बड़े गुट बनाने के अधिकार की पुष्टि की तथा प्रांतों को अ, ब और स तीन श्रेणियों में विभक्त किया।
  • कैबिनेट मिशन 24 मार्च, 1946 को दिल्ली पहुंचा और भारत के विभिन्न राजनीतिक दलों से लंबी बातचीत हुई। चूंकि भारत की प्रमुख राजनीतिक पार्टियों मुस्लिम लीग तथा कांग्रेस के मध्य भारत की एकता तथा बंटवारे के विषय में समझौता नहीं हो सका, इसलिए शिष्टमंडल ने अपनी ओर से समस्या का हल प्रस्तुत किया। ये प्रस्ताव वायसराय लॉर्ड वेवेल तथा शिष्टमंडल ने एक संयुक्त वक्तव्य में 16 मई, 1946 को प्रकाशित किए। लंबे समय के योजना के रूप में कैबिनेट मिशन (शिष्टमंडल) ने पाकिस्तान की मांग को अस्वीकार कर दिया। कैबिनेट | मिशन के अन्य सुझाव निम्नलिखित थे-
  1. भारत में ब्रिटिश भारत तथा रियासतों का एक मिला-जुला संघ होना चाहिए जो विदेशी मामले, रक्षा तथा संचार साधनों की देखभाल करे और उनके लिए कर लगा सके।
  2. संघ की कार्यकारिणी और विधानमंडल में ब्रिटिश भारत और रियासतों के प्रतिनिधि होने चाहिए।
  3. प्रांतों को केंद्रीय विषयों को छोड़कर शेष सभी मामलों में पूर्ण स्वायत्तता प्राप्त हो और शेष शक्तियां उन्हीं के पास हों।
  4. प्रांतों को छोटे अथवा बड़े गुट बनाने का अधिकार हो इन गुटों के क्या अधिकार होंगे इसका निर्णय वे स्वयं करेंगे।
  5. इसमें प्रांतों को तीन वर्ग अ, ब तथा स में बांटने की बात कही गई। हिंदू बहुसंख्यक प्रांत मद्रास, बंबई, मध्य प्रांत, संयुक्त प्रांत, बिहार, उड़ीसा ‘वर्ग अ’ में होंगे। उत्तर-पश्चिम के मुस्लिम बहुसंख्यक प्रांत पंजाब, सीमा प्रांत तथा सिंध ‘वर्ग ब’ में होंगे तथा ‘वर्ग स’ में बंगाल तथा असम होंगे।

इस प्रस्ताव में न्यायालय की शक्तियों तथा आई. सी. एस. में भारतीयों की संख्या बढ़ाने संबंधी प्रावधान नहीं किए गए थे।

16 मई, 1946 को कैबिनेट मिशन ने अपने प्रस्तावों की घोषणा की। ये प्रमुख प्रस्ताव थे-

(1) भारत की एकता बनाई रखी जाए।

(2) मुस्लिम लीग की पाकिस्तान की मांग ठुकरा दी गई।

(3) भारत एक संघ होगा जिसमें ब्रिटिश प्रांत तथा देशी रियासतें शामिल होंगी।

(4) संविधान निर्मात्री संस्था या संविधान सभा का गठन प्रांतीय विधान सभाओं तथा देशी रियासतों के प्रतिनिधियों द्वारा किया जाए।

कैबिनेट मिशन योजना (1946) Notes PDF

ऊपर के लेख मे जो आज हम लोग, कैबिनेट मिशन योजना (1946) से संबंधित महत्वपूर्ण GK Facts के बारे मे जानकारी प्राप्त की है उसकी PDF नीचे है ।

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