गांधी एवं उनके प्रारंभिक आंदोलन से संबंधित GK Notes in Hindi

आज के इस आर्टिकल मे हमलोग गांधी एवं उनके प्रारंभिक आंदोलन से संबंधित महत्वपूर्ण GK Facts के बारे मे जानकारी प्राप्त करेंगे ।

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गांधी एवं उनके प्रारंभिक आंदोलन GK Notes

  • मोहनदास करमचंद गांधी का जन्म 2 अक्टूबर, 1869 को गुजरात के पोरबंदर नामक स्थान पर हुआ। उनकी प्रारंभिक शिक्षा राजकोट में हुई।
  • महात्मा गांधी का अल्पायु (13 वर्ष) में ही कस्तूरबा गांधी के साथ विवाह हुआ था।
  • उन्होंने द इनर टेम्पुल लंदन से बैरिस्टरी का प्रशिक्षण लिया था।
  • गांधीजी के पिता – करमचंद गांधी पोरबंदर, वंकानेर ( Wankaner) एवं राजकोट राज्यों के दीवान थे। इनका उपनाम कबा (Kaba ) गांधी था।
  • गांधीजी ने दक्षिण अफ्रीका में 1894 ई. में ‘नटाल इंडियन कांग्रेस’ की स्थापना की और दक्षिण अफ्रीका के लंबे आंदोलन के दौरान कई बार जेल की यात्रा की। * अपने सहयोगियों की सहायता से उन्होंने ‘टॉलस्टॉय फॉर्म’ की स्थापना की और वहीं रहने लगे।
  • दक्षिण अफ्रीका में उन्होंने ‘इंडियन ओपिनियन’ नामक अखबार निकाला ( यह गुजराती, हिंदी, तमिल और अंग्रेजी में प्रकाशित होता था)।
  • महात्मा गांधी ने फीनिक्स (डरबन, दक्षिण अफ्रीका) में वर्ष 1904 में एक आश्रम स्थापित किया। * फीनिक्स आश्रम को 27 फरवरी, 2000 को दोबारा खोला गया है। * फीनिक्स महात्मा गांधी द्वारा स्थापित प्रथम आश्रम था। *इनके विचारों में आदर्शवाद की बजाए व्यावहारिक आदर्शवाद पर अत्यधिक जोर दिया गया है।
  • मार्क्स की तरह गांधीजी भी राज्य को हटाने की इच्छा रखते थे तथा उन्होंने स्वयं को ‘दार्शनिक अराजकतावादी’ (Philosophical Anarchist ) कहे जाने से गुरेज नहीं किया। * सत्य’ तथा ‘अहिंसा’ गांधीजी के रामराज्य के युगल सिद्धांत थे। उन्होंने सत्य और अहिंसा को अपने स्वप्नों के नवीन समाज का आधार बनाया था।
  • गांधीजी एक सच्चे समाजवादी भी थे। वे व्यक्ति के हित के साथ-साथ समाज के हित का ध्यान रखते थे। वे सामाजिक न्याय के उदात्त सिद्धांतों को क्रियात्मक रूप देना चाहते थे। * वे अन्याय और अत्याचार के विरोधी थे।
  • गांधीजी ने लुई फिशर से स्वयं कहा, “मैं सच्चा समाजवादी हूं। मेरे समाजवाद का अर्थ है सर्वोदय।” * गांधीजी के समाजवाद में मार्क्सवाद की भी झलक मिलती है।
  • गांधीजी श्रम को असाधारण महत्व देते थे। * वे इस सिद्धांत को क्रियात्मक रूप देना चाहते थे कि प्रत्येक से उसके सामर्थ्य के अनुसार काम लिया जाए तथा प्रत्येक को आवश्यकतानुसार पारिश्रमिक दिया जाए। गांधीजी मार्क्सवादियों की भांति भावी आदर्श व्यवस्था में राज्य की सत्ता नहीं मानते थे। गांधीजी स्वयं कहते थे कि “मैं उसी समस्या को सुलझाने में लगा हूं, जो कि वैज्ञानिक समाजवाद के सामने है।” अतः गांधीजी को समाजवादियों में एक व्यक्तिवादी और समाजवादियों में एक मार्क्सवादी कहा जा सकता है।
  • गांधीजी की सत्याग्रह रणनीति में हड़ताल को सबसे अंतिम सिद्धांत में सत्याग्रही का उद्देश्य शत्रु को पराजित करना नहीं है, बल्कि उसका हृदय परिवर्तन करके उसे अपने अनुकूल बनाना है। * यह कार्य सत्याग्रही अपने ऊपर कष्ट झेलकर करता है।
  • गांधीजी ने परिवार नियोजन हेतु सर्वोत्तम उपाय ‘आत्मनियंत्रण’ (Self Control) बताया था।
  • गांधीजी 24 वर्ष की उम्र में 1893 ई. में एक गुजराती व्यापारी दादा अब्दुल्ला का मुकदमा लड़ने के लिए दक्षिण अफ्रीका ( डरबन ) गए थे। *वह अफ्रीका में लगभग 21 वर्ष रहे थे। * जनवरी, 1915 में भारत लौटे।
  • जनता ने बड़ी गर्मजोशी से उनका स्वागत किया। दक्षिण अफ्रीका के उनके संघर्षों और उनकी सफलताओं ने उन्हें भारत में अधिक लोकप्रिय बना दिया था।
  • भारत आने पर उनका संपर्क गोपाल कृष्ण गोखले से हुआ, जिन्हें गांधीजी ने अपना राजनीतिक गुरु बनाया। उनके प्रभाव में आकर उन्होंने अपने को भारत की सक्रिय राजनीति से जोड़ा।
  • महात्मा गांधी ने सर्वप्रथम वर्ष 1901 में आयोजित कांग्रेस के कलकत्ता अधिवेशन में भाग लिया था। * इस अधिवेशन में गांधीजी का दक्षिण अफ्रीका पर प्रस्ताव भी पारित हुआ था। * इस अधिवेशन की अध्यक्षता दिनशा वाचा ने की थी।
  • ध्यातव्य है कि गांधीजी अपने दक्षिण अफ्रीका प्रवास के बीच में वर्ष 1901 में भारत आए थे और इस दौरान उन्होंने बंबई में अपने विधि कार्यालय की भी स्थापना की थी।
  • महात्मा गांधी ने वर्ष 1915 में अहमदाबाद के कोचरब क्षेत्र में सत्याग्रह आश्रम की स्थापना की थी । * यह आश्रम विभिन्न आर्थिक गतिविधियों के संचालन की सुविधा की दृष्टि से 17 जून, 1917 को साबरमती नदी के किनारे स्थानांतरित कर दिया गया।
  • महात्मा गांधी राजनीति को सामाजिक उत्थान और जनकल्याण के लिए सक्रियता समझते थे। इसके संबंध में गांधीजी के द्वारा सर्वाधिक महत्वपूर्ण सुझाव राजनीति के क्षेत्र में सत्ता के विकेंद्रीकरण का दिया गया है।
  • विकेंद्रीकृत सत्ता से उनका तात्पर्य था- ग्राम पंचायतों को अपने गांवों का प्रबंध और प्रशासन करने के लिए सक्रिय करना। गांधीजी ने राजनीति के जो प्रतिमान प्रस्तुत किए, उसमें नैतिकता, धर्म और मानवता का समावेश था, लेकिन गांधीजी के पूर्ण आदर्श राजनीतिक व्यवस्था के अंतर्गत राज्य अर्थात सत्ता के लिए कोई स्थान नहीं था।
  • वे राज्यविहीन समाज (Stateless Society) की स्थापना करना चाहते थे। * गांधीजी द्वारा दक्षिण अफ्रीका में किए गए संघर्ष को निष्क्रिय प्रतिरोध नाम दिया गया, परंतु बाद में गांधीजी ने निष्क्रिय प्रतिरोध के स्थान पर सत्याग्रह शब्द चुना। भारतीय स्वतंत्रता को प्राप्त करने के लिए इसका सर्वाधिक प्रयोग किया गया, हालांकि गांधीजी ने सत्याग्रह और निष्क्रिय प्रतिरोध में अंतर किया है। निष्क्रिय प्रतिरोध एक राजनीतिक अस्त्र है, जबकि सत्याग्रह एक नैतिक शक्ति है।
  • सत्याग्रह का शाब्दिक अर्थ है- सत्य को मानकर किसी वस्तु के लिए आग्रह करना अथवा सत्य और अहिंसा से उत्पन्न होने वाला बल।

गांधी एवं उनके प्रारंभिक आंदोलन GK Notes PDF

ऊपर के लेख मे जो आज हम लोग, गांधी एवं उनके प्रारंभिक आंदोलन से संबंधित महत्वपूर्ण GK Facts के बारे मे जानकारी प्राप्त की है उसकी PDF नीचे है ।

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