कृषि संबद्ध क्षेत्र नोट्स – प्रारंभिक प्रतियोगिता परीक्षा के लिए

प्रारंभिक प्रतियोगिता परीक्षा के लिए कृषि से संबंधित क्षेत्र पर नोट्स – कृषि संबद्ध क्षेत्र ।

कृषि संबद्ध क्षेत्र

पशुपालन और डेयरी

भारतीय अर्थव्यवस्था में पशुधन क्षेत्र कृषि का एक महत्वपूर्ण उपक्षेत्र है। यह वर्ष 2014-15 से वर्ष 2019-20 (स्थिर मूल्यों पर) के दौरान 8.15 प्रतिशत की सीएजीआर से बढ़ी है। कृषि एवं संबद्ध क्षेत्रों के क्षेत्रवार जीवी के लिए राष्ट्रीय लेखा सांख्यिकी (एनएएस) 2020 के अनुमान के अनुसार, कुल कृषि एवं संबद्ध क्षेत्र जीवीए (स्थिर मूल्यों पर) में पशुधन का योगदान 24.32 प्रतिशत (2014-15) से बढ़कर 29.35 प्रतिशत (2019- 20) तक हो गया है। 2019-20 में पशुधन क्षेत्र ने कुल जीवीए का 4.35 प्रतिशत योगदान दिया है। पशुधन क्षेत्र के विकास से दूध, अंडे एवं मांस की प्रति व्यक्ति उपलब्धता में सुधार हुआ है।

डेयरी क्षेत्र

डेयरी राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में 5 प्रतिशत का योगदान करने वाली सबसे बड़ी कृषि वस्तु है और 8 करोड़ से अधिक किसानों को प्रत्यक्ष रोजगार देती है। भारत दुग्ध उत्पादन में प्रथम स्थान पर है, जो वैश्विक दुग्ध उत्पादन में 23 प्रतिशत का योगदान देता है। देश में दूध उत्पादन लगभग 6.2 प्रतिशत की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर से बढ़कर वर्ष 2020- 21 में 209.96 मिलियन टन तक पहुंच गया है, जो 2014-15 में 146.31 मिलियन टन था।

वर्ष 2020-21 (अनंतिम) में दूध की अखिल भारतीय प्रति व्यक्ति उपलब्धता 427 ग्राम प्रतिदिन है। 2020-21 के दौरान दुग्ध उत्पादन और प्रति व्यक्ति दूध की उपलब्धता में अंतर्राज्यीय परिवर्तनशीलता दर्शाई गई है। खाद्य और कृषि संगठन कॉर्पोरेट सांख्यिकी डेटाबेस (एफएओएसटीएटी) उत्पादन डेटा (2020) के अनुसार, भारत दुनिया में अंडा उत्पादन में तीसरे और मांस उत्पादन में 8वें स्थान पर है। देश में अंडा उत्पादन वर्ष 2014-15 में 78.48 बिलियन से बढ़कर 2020-21 में 122.11 बिलियन (अनंतिम) हो गया है। वर्ष 2020-21 ( अनंतिम) में प्रति व्यक्ति अंडे की उपलब्धता 91 अंडे प्रति वर्ष है। देश में मांस उत्पादन वर्ष 2014-15 में 6.69 मिलियन टन से बढ़कर 2020-21 (अनंतिम) में 8.80 मिलियन टन हो गया है।

राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम

राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम (एनएडीसीपी), जो कि दुनिया में मानव या पशु टीकाकरण के लिए किया गया है, अब तक का सबसे बड़ा टीकाकरण कार्यक्रम है, को पैर एवं मुंह की बीमारी ( एफएमडी) तथा ब्रुसेलोसिस को वर्ष 2030 तक नियंत्रित करने और अंततः उन्मूलन के उद्देश्य से लागू किया जा रहा है। एएनबी प्रोत्साहन पैकेज के हिस्से के रूप में, 15,000 करोड़ रुपये के पशुपालन अवसंरचना विकास कोष (एएचआईडीएफ) को वर्ष 2020 में प्रारंभ किया गया था।

मत्स्य पालन

भारत विश्व का दूसरा सबसे बड़ा मछली उत्पादक देश है जो वैश्विक उत्पादन का 7.56 प्रतिशत हिस्सा है। यह देश जीवीए में लगभग 1.24 प्रतिशत और कृषि जीवीए में 7.28 प्रतिशत से अधिक का योगदान देता है। मत्स्य पालन क्षेत्र ने वित्त वर्ष 2020-21 (अनंतिम) में 145 लाख टन के रिकॉर्ड मछली उत्पादन के साथ वर्ष 2014-15 से 10.87 प्रतिशत की उत्कृष्ट दोहरे अंकों की औसत वार्षिक वृद्धि का प्रदर्शन किया है। रोजगार के मामले में, विशेष रूप से उपेक्षित तथा कमजोर समुदायों के लिए यह क्षेत्र भारत में 28 मिलियन से अधिक लोगों की आजीविका का पूर्ति करता है। वर्ष 2019-20 के दौरान मत्स्य क्षेत्र से निर्यात आय 46,662.85 करोड़ रुपये थी।

मौजूदा केसीसी धारकों के लिए क्रेडिट सीमा रु. 3 लाख है, जबकि मत्स्य पालन के लिए नए केसीसी धारकों की सीमा केवल रु. 2 लाख है।

सरकार ने एएनबी पैकेज के एक हिस्से के रूप में मई, 2020 में प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (पीएमएमएसवाई) नामक रु.20050 करोड़ की एक नई प्रमुख योजना शुरू की। पीएमएमएसवाई के तहत, प्रमुख भागीदारी में मछली उत्पादन और उत्पादकता बढ़ाना, मूल्य श्रृंखला को आधुनिक बनाना और मजबूत करना, मत्स्य पालन और फसल कटाई के बाद के बुनियादी ढांचे का निर्माण तथा मजबूत मत्स्य प्रबंधन एवं नियामक ढांचे का विकास करना शामिल है। इसके अलावा, प्रौद्योगिकी संचार, ‘प्रति बूंद अधिक फसल’ प्राप्त करने के लिए अधिकतम जल प्रबंधन, मछली और मछली उत्पादों की बेहतर गुणवत्ता और स्वच्छता, बीमा, मूल्यवर्धन, मांग-आधारित ब्रांडिंग तथा विपणन के माध्यम से मूल्य श्रृंखला में महत्वपूर्ण अंतराल को संबोधित करने और हितधारकों के लिए आर्थिक लाभ लाने वाली पहलों को बढ़ावा देने पर बल दिया जाता है। यह योजना मत्स्य निर्यात को बढ़ाने और वैश्विक बाजारों में प्रतिस्पर्धा बनाए रखने के लिए ‘कैच टू कंज्यूमर’ से स्थिरता और पता लगाने की क्षमता को प्राथमिकता देती है। इस योजना का उद्देश्य निजी क्षेत्र की भागीदारी के लिए एक अनुकूल वातावरण बनाना तथा मत्स्य पालन क्षेत्र में नवीन उद्यमशीलता उद्यमों और व्यवहार्य व्यवसाय मॉडल के गतिशील विकास को बढ़ावा देना है।

यंत्रीकरण

भारतीय ट्रैक्टर उद्योग दुनिया में सबसे बड़ा है, जो कुल वैश्विक उत्पादन का एक तिहाई है। भारत में कृषि उपकरण बाजार वर्ष 2017 में 8.8 बिलियन अमेरिकी डॉलर का होने का अनुमान है और वर्ष 2022 तक इसके 12.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है। ट्रैक्टर बाजार वर्ष 2022 तक 7 प्रतिशत की सीएजीआर से बढ़ने की उम्मीद है।

कृषि में अनुसंधान एवं विकास की भूमिका

अनुसंधान से पता चलता है कि कृषि अनुसंधान एवं विकास पर खर्च किया गया प्रत्येक रुपया उर्वरक सब्सिडी (0.88), बिजली सब्सिडी (0.79) या सड़कों (1.10) पर खर्च किए गए प्रत्येक रुपये पर प्रतिफल की तुलना में बेहतर प्रतिफल (112) देता है। इसलिए, कृषि पर अनुसंधान एवं विकास खर्च बढ़ाना न केवल खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक महत्वपूर्ण आवश्यकता है, बल्कि सामाजिक आर्थिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है।

खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र

वर्ष 2019-20 को समाप्त पिछले पांच वर्षों के दौरान, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग (एफपीआई) क्षेत्र लगभग 11.18 प्रतिशत की औसत वार्षिक वृद्धि दर से बढ़ रहा है। इस क्षेत्र ने वर्ष 2011-12 की कीमतों पर वर्ष 2019- 20 में विनिर्माण क्षेत्र में जीवीए का 9.87 प्रतिशत तक का प्रदर्शन किया है। खाद्य प्रसंस्करण उद्योग 2017-18 में सभी पंजीकृत कारखाना क्षेत्र में उत्पन्न रोजगार में 12.38 प्रतिशत की हिस्सेदारी वाले प्रमुख रोजगार गहन क्षेत्रों में से एक है। वर्ष 2017-18 के नवीनतम वार्षिक उद्योग सर्वेक्षण (एएसआई) के अनुसार, पंजीकृत खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में लगे व्यक्तियों की कुल संख्या 19.33 लाख थी। अपंजीकृत खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र एनएसएसओ 73वें दौर वर्ष 2015-16 के अनुसार 51.11 लाख श्रमिकों को रोजगार प्रदान करता है और इस प्रकार अपंजीकृत विनिर्माण क्षेत्र में 14.18 प्रतिशत रोजगार प्रदान करता है।

प्रधानमंत्री – सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यमों का औपचारिककरण (पीएम- एफएमई)

एएनबी मिशन के तहत, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय ने वर्ष 2020-25 की अवधि में रु. 10,000 करोड़ के कुल परिव्यय के साथ एक नई केंद्र प्रायोजित योजना, पीएम – एफएमई शुरू की है। इस योजना के तहत, मंत्रालय द्वारा 35 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के 710 जिलों में 137 विशिष्ट उत्पादों के लिए एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) की स्थिति को मंजूरी दी गई है। रु.200.30 करोड़ के परिव्यय के साथ 75 प्रस्तावों को स्वीकृत / अनुमोदित किया गया है, जिनमें से 52 प्रस्तावों को वर्ष 2020-21 में और 23 को वर्ष 2021-22 में अनुमोदित किया गया।

प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना (पीएमकेएसवाई)

अम्ब्रेला सेंट्रल सेक्टर स्कीम पीएमकेएसवाई के तहत, मंत्रालय विभिन्न घटक योजनाओं को लागू कर रहा है, जिसमें अन्य बातों के साथ-साथ (i) मेगा फूड पार्क, (ii) इंटीग्रेटेड कोल्ड चेन और वैल्यू एडिशन इंफ्रास्ट्रक्चर, (iii) एग्रो – प्रोसेसिंग क्लस्टर्स के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर, (iv) बैकवर्ड और फॉरवर्ड लिंकेज का निर्माण, (v) खाद्य प्रसंस्करण और संरक्षण क्षमताओं का निर्माण / विस्तार, (vi) ऑपरेशन ग्रीन्स और (vii) खाद्य परीक्षण प्रयोगशालाएं शामिल हैं।

एथेनॉल मिश्रित पेट्रोल (ईबीपी) कार्यक्रम

सरकार ने अब 2025 तक पेट्रोल के साथ एथेनॉल मिलाने के लिए 20 प्रतिशत एथेनॉल मिश्रण लक्ष्य निर्धारित किया है। अनुमान है कि वर्ष 2022 के दौरान 10 प्रतिशत मिश्रण लक्ष्य प्राप्त किया जाएगा।

PDF कृषि : संबद्ध क्षेत्र नोट्स

नीचे “कृषि संबद्ध क्षेत्र” – Notes PDF है जो PDFinHindi.in द्वारा तैयार किया हुआ है ।

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