शासन के अंग : कार्यपालिका | Organs Of Government : Executive

इससे पहले के पोस्ट में हमने, शासन के एक अंग विधायिका के बारे में पढ़ा था। और अब हम शासन के दूसरे अंग कार्यपालिका के बारे में पढ़ेंगे।

कार्यपालिका (Executive)

शासन के दूसरे अंग को कार्यपालिका कहते हैं । इसका आशय उस व्यक्ति या व्यक्तियों के समूह से है, जो विधायिका द्वारा निर्मित कानूनों के अनुसार शासन चलाता है अर्थात् कानूनों को लागू करता है।

प्राचीन व्यवस्थाओं में विधायिका (Legislature) और कार्यपालिका (Executive) में कोई भेद नहीं था । उदाहरण के लिये, राजतंत्र (Monarchy) में राजा विधायिका का प्रमुख भी होता था और कार्यपालिका का भी। इसी प्रकार धर्मतंत्र (Theocracy) में धर्म का प्रमुख ही दोनों अंगों का सर्वोच्च अधिकारी होता था ।

आधुनिक काल में जैसे-जैसे लोकतंत्र और संविधानवाद का विकास हुआ, कार्यपालिका की संरचना में परिवर्तन आने लगे । वर्तमान समय में कार्यपालिका के कई रूप दिखाई पड़ते हैं, जो नीचे बने चित्र में देखकर समझे जा सकते हैं-

उपरोक्त चित्र द्वारा प्रस्तुत वर्गीकरण में कार्यपालिका के सबसे महत्त्वपूर्ण दो प्रकार हैं-

राजनीतिक कार्यपालिका (Political Executive)

कार्यपालिका के सर्वोच्च स्तर पर होती है, जिसे जनता निश्चित अवधि के लिये प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से चुनती है। उदाहरण के लिये, भारत में केंद्रीय मंत्रिमंडल या अमेरिका में राष्ट्रपति इसी के उदाहरण हैं ।

स्थायी कार्यपालिका (Permanent Executive)

में वे उच्च पदाधिकारी शामिल होते हैं, जो अधिकारीतंत्र (Bureaucracy) के अंग होते हैं तथा जिनका कार्यकाल किसी तरह के निर्वाचन (Election) पर निर्भर नहीं होता । उदाहरण के लिये, भारत में भारतीय प्रशासनिक सेवा (Indian Administrative Service) तथा अन्य सिविल सेवाओं के अधिकारी इसी के उदाहरण हैं। स्थायी कार्यपालिका को राजनीतिक कार्यपालिका के निर्देशों के अनुरूप कार्य करना होता है। इसमें शामिल लोगों को प्रशासन के क्षेत्र में विशेष दक्षता हासिल होती है। इसलिये जिन बिंदुओं पर राजनीतिक कार्यपालिका ऐसी दक्षता से वंचित होती है, वहाँ स्थायी कार्यपालिका के सदस्य उसकी सहायता करते हैं।

राजनीतिक कार्यपालिका

उपरोक्त चित्र से स्पष्ट है कि राजनीतिक कार्यपालिका (Political Executive) के भी कई रूप देखे जा सकते हैं, जैसे-

अध्यक्षीय कार्यपालिका (Presidential Executive):

यह प्रणाली अमेरिका जैसे देशों में प्रचलित है, जहाँ जनता एक निर्वाचकगण (Electoral College) के माध्यम से राजनीतिक कार्यपालिका के प्रमुख अर्थात् राष्ट्रपति का चयन करती है। राष्ट्रपति को कार्यपालिका के क्षेत्र में सभी शक्तियाँ प्राप्त होती हैं।

संसदीय कार्यपालिका (Parliamentary Executive):

यह प्रणाली भारत और इंग्लैंड जैसे देशों में प्रचलित है। इसके अंतर्गत विधायिका (Legislature) के सदस्यों में से ही राजनीतिक कार्यपालिका का चयन होता है। विधायिका में जिस दल के सदस्य बहुमत में होते हैं, वही दल अपनी सरकार बनाता है। सरकार चलाने वाले इसके सदस्यों के समूह को मंत्रिमंडल कहा जाता है।

दोहरी कार्यपालिका (Dual Executive ) :

यह एक विशेष प्रणाली है, जो फ्राँस जैसे कुछ देशों में दिखाई पड़ती है। इसके अंतर्गत कार्यपालिका की शक्तियाँ राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री में विभाजित होती हैं। ध्यातव्य है कि इसमें राष्ट्रपति का चुनाव अमेरिका की अध्यक्षीय प्रणाली के समान होता है, जबकि प्रधानमंत्री का चयन ब्रिटिश या भारतीय संसदीय प्रणाली के समान होता है।

बहुल कार्यपालिका (Plural Executive) :

यह एक विशिष्ट व्यवस्था है, जिसका उदाहरण स्विट्ज़रलैंड जैसे कुछ ही देशों में देखा जा सकता है। इसके अंतर्गत राजनीतिक कार्यपालिका के सभी सदस्य बराबर शक्तियाँ रखते हैं, उनमें सर्वोच्च अधिकारी का पद सिर्फ औपचारिक या नाममात्र का होता है। उदाहरण के लिये, स्विट्ज़रलैंड की राजनीतिक कार्यपालिका में एक प्रमुख सहित कुल सात सदस्य होते हैं, किंतु इन सातों की शक्तियाँ बराबर होती हैं और प्रमुख के रूप में हर वर्ष इनकी नियुक्ति परिवर्तित होती रहती है।

जहाँ तक भारतीय कार्यपालिका ( Indian Executive) का प्रश्न है, इसमें राजनीतिक कार्यपालिका (Political Executive) के स्तर पर ब्रिटेन की संसदीय प्रणाली जैसा ढाँचा स्वीकार किया गया है, जिसके अनुसार लोकसभा में बहुमत प्राप्त दल मंत्रिमंडल का गठन करता है। मंत्रिमंडल सामूहिक उत्तरदायित्व (Collective Responsibility) के सिद्धांत के अनुसार कार्य करता है। राष्ट्रपति भारतीय कार्यपालिका का औपचारिक प्रधान (Formal head) हैं, किंतु सामान्य स्थितियों में उसे मंत्रिमंडल के निर्देशों के अनुसार ही काम करना होता है।

राजनीतिक कार्यपालिका (Political Executive) के अलावा भारत में स्थायी कार्यपालिका (Permanent Executive) के रूप में एक सशक्त नौकरशाही या अधिकारीतंत्र (Bureaucracy) भी है। इसमें भारतीय प्रशासनिक सेवा (Indian Administrative Service) जैसी अखिल भारतीय सेवाओं (All India Services) के अधिकारी भी शामिल हैं और भारतीय राजस्व सेवा (Indian Revenue Service) जैसी केंद्रीय सेवाओं (Central Services) के अधिकारी भी । राज्यों के स्तर पर उनकी अपनी लोक-सेवाएँ (Public Services) भी कार्य करती हैं।

कार्यपालिका Notes PDF

नीचे आपको pdfinhindi.in द्वारा तैयार किया हुआ शासन के अंग – कार्यपालिका का नोट्स PDF दिया जा रहा हैं जिसका उपयोग आप अपने ज्ञान कोष में वृद्धि केलिए कर सकते हैं।

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